कुछ ऐसे उपयोगी आविष्कार जो भारत में हुए।
ये लेख खासतौर से उन के लिए है जिनका ये मानना है कि भारत ने किसी चीज का अविष्कार नहीं किया और इसका कारण मेरे अनुसार यह है कि इन सबके बारे में कभी लोगों को अवगत नहीं कराया गया और न उन्होंने जानने की कोशिश की पर अब जानिये कि वे अविष्कार कौन से हैं।
1. बटन
बिना बटन के कपड़ों की परिकल्पना नहीं की जा सकती। पहली बार बटन का उपयोग सिन्धु घाटी की सभ्यता के नगर मोहनजोदड़ो के लोगों ने किया था। यह बात ईसा से करीब 2 हजार साल पहले की है।
2. शतरंज
भारत में शतरंज का इतिहास बहुत पुराना है। इस खेल को चतुरंग के रूप में जाना जाता रहा है। इसका आविष्कार 6ठी सदी में गुप्त राजवंश के दौरान किया गया था। उस दौरान यह राजाओं, महाराजाओं का खेल हुआ करता था। बाद में यह जन-साधारण के खेल के रूप में लोकप्रिय हुआ।
3. स्केल
रूलर स्केल का आविष्कार सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान हुआ था। मोहनजोदड़ो की खुदाई में हाथी दांत के बने हुए स्केल मिले हैं, जो वाकई अद्भुत हैं।
4. शैम्पू
शैम्पू शब्द दरअसल, चम्पू शब्द का अपभ्रन्श है। सिर में तेल लगाकर मालिश की परम्परा बंगाल में 17वीं सदी में शुरू हुई थी। बाद के दिनों में शैम्पू के तौर पर इस परम्परा का विकास हुआ था।
5. सांप-सीढी का खेल
सांप और सीढ़ी के खेल का आविष्कार भारत में हुआ था। बाद में इस खेल को अंग्रेज अपने साथ ले गए, जिन्होंने अमेरिका के लोगों से इसका परिचय कराया था।
6. कपास की खेती
ईसा से 2 हजार साल पहले सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग सूती कपड़ों का इस्तेमाल करते थे। जी हां, उस समय इन इलाकों में कपास की खेती होती थी और बकायदा सूती कपड़ों का निर्माण होता था। हम गर्व से कह सकते हैं कि दुनिया को भारतीयों ने कपड़ा पहनाना सिखाया था।
7. शून्य और दशमलव
शून्य और दशमलव का आविष्कार भारत में हुआ था। महान भारतीय गणितज्ञ आर्यभट्ट ने शून्य और दशमलव की खोज की थी। ब्रह्मगुप्त ने उनके इस काम को आगे बढ़ाया था।
8. ताश का खेल
भारत में ताश के खेल को क्रीड़ा पत्रम कहा जाता था। बाद में इस खेल का प्रचार-प्रसार चीन तक हुआ। जहां के लोगों ने इसे अधिक विकसित किया।
9. मोतियाबिन्द ऑपरेशन
भारतीय चिकित्साशास्त्र के रचयिता सुश्रुत ने ईसा से 6 सौ साल पहले मोतियाबिन्द की शल्यचिकित्सा को अंजाम दिया था। बाद में इस कला का विस्तार चीन तक हुआ। दस्तावेजों के मुताबिक ग्रीस के चिकित्सक इस विधि को सीखने के लिए भारत तक आए थे।
10. हीरे का खनन
करीब पांच हजार साल पहले भारतीय हीरे का इस्तेमाल किया करते थे। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा देश था, जहां हीरे के बारे में लोगों को जानकारी थी। ब्राजील में पहली बार हीरे के बारे में 18वीं में पता चला था।
11. चान्द पर पानी
इसरो के चन्द्रयान 1 ने पहली बार पता लगाया था कि चान्द सिर्फ एक टीला भर नहीं, बल्कि यहां पानी भी उपलब्ध है।
12. रेडियो, वायरलेस कम्युनिकेशन
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मारकोनी को वायरलेस टेलीग्राफी की खोज में उनके योगदान के लिए वर्ष 1909 में भौतिकी के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। लेकिन इससे करीब 14 साल पहले भारतीय वैज्ञानिक सर जगदीश चन्द्र बोस ने वर्ष 1895 में ही इसका आविष्कार कर लिया था। इस घटना के दो साल बाद मार्कोनी ने लंदन में इस खोज का प्रदर्शन किया था।
13. फ्लश टॉयलेट
पहली बार इस तरह के टॉयलेट का इस्तेमाल सिन्धु घाटी की सभ्यता के लोगों ने किया था। मोहनजोदड़ो दरअसल एक पूरी तरह से विकसित नगर था, जहां निकसी व्यवस्था अतुलनीय थी। इस सभ्यता के लोग हाइड्रोलिक इन्जीनियरिंग में माहिर थे।
14. स्याही
ईसा से करीब 4 सौ पहले भारतीयों ने लिखने के लिए स्याही की खोज कर ली थी। दक्षिण भारत में स्याही और नुकीले पेन से लिखने की प्राचीन परम्परा रही है।
15. लोहा, इस्पात का आविष्कार
आयरन मैन नई चीज है। प्राचीन भारत में लोहा और इस्पात के शानदार उपयोग के बारे में उल्लेख है। पश्चिमी जगत को लोहे जब पता चला उससे करीब 2 हजार साल पहले से भारतीय इसका उपयोग करते आ रहे थे।
16. फाइबर ऑप्टिक्स
भारत के डॉ. नरिन्दर सिंह कापानी को फाइबर ऑपटिक्स टेक्नोलॉजी का पिता कहा जाता है।
17. प्लास्टिक सर्जरी
जी हां, प्लास्टिक सर्जरी पहली बार भारत में की गई थी। वह भी, ईसा से करीब 2 हजार साल पहले।
इतिहास गवाह है कि भारत हमेशा से ही एक महान आविष्कारक देश है।
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